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सुन लिया पानी ने यीशु की वाणी | Sun Liya Pani Ne Yeshu Ki Vani

Qawwali Christian Lyrics Songs

Qawwali

तेरी बरकत का, बयान करता हूँ

ऐ मसीह तुझको, आज मैं सलाम करता हूँ

उस काना नगर की दास्ताँ, कुछ लब्ज़ों में, बयान करता हूँ


सुन लिया पानी ने, यीशु की वाणी,

नहीं की अपनी, खुद की मनमानी -3


काना गाँव में बड़ी, धूम थी शादी की,

वहाँ बड़ी भीड़ थी, सारे मेहमानों की -2

यीशु की मां मरियम भी, उसमें शरीक थी

शादी की रात देखो, कितनी रंगीन थी -2


यीशु मसीह भी वहाँ, शादी में आये थे

सारे चले भी वो, साथ अपने लाए थे -2

साथ अपने लाये थे

वो रात थी बड़ी सुहानी -2


सुन लिया पानी ने, यीशु की वाणी,

नहीं की अपनी, खुद की मनमानी -2


कुछ लोग दाखरस पीकर तृप्त हो गए

कुछ आधे पेट निराश होकर चलेंगे

कुछ लोग चिल्लाने लगे, कि दाखरस तो मिला नहीं

ये देखकर मरियम परेशान हुई

और उसने जाकर यीशु के पास कहा

कि उनके पास पीने को दाखरस नहीं

यीशु ने कहा, कि मेरा समय अभी आया नहीं

मरियम ने सेवकों से कहा

कि जो कुछ वो तुमसे कहे, वही तुम करना


यीशु के कहने से, दासों ने काम किया,

पानी के छः मटकों को, मुँहामुँह भर दिया -2

दासों ने एक दूजे से, कहा अब क्या होगा

मन में ये सोचा सबने, पानी से क्या होगा -2


पानी ने जान लिया ये, ख़ालिक़ की जुबानी

कैसे ना बदलू मैं, अपनी रवानी -2

हाँ... कैसे ना बदलू मैं, अपनी रवानी

अपनी रवानी -3

उस रात ने लिखी ये कहानी -2


सुन लिया पानी ने, यीशु की वाणी

नहीं की अपनी, खुद की मनमानी -2


आ आ आ…दे रा ना ना…

दे र ना… ना ना ना ए ए ना ना

नी सा रे सा सा सा सा सा सा

नी सा रे सा सा -2

सा नी सा, नी धा नी, धा पा धा, पा मा पा

नी सा रे गा सा -3 आ…


यीशु ने दासों को, फिर से आदेश दिया

भोज के प्रधान को, पानी वो चखा दिया -2

जब भोज के प्रधान ने, वो पानी चखा

जो दाखरस बन गया था

पर वो ये नहीं जानता था कि कहाँ से आया है


तब भोज के प्रधान ने दूल्हे को बुलाकर उसे कहा

हर एक मनुष्य पहले अच्छा दाखरस देता है

और जब लोग पीकर तृप्त हो जाते हैं

तो मध्यम देता है

परंतु तू ने अच्छा दाखरस अब तक रख छोड़ा है


हाँ... दासों को ताज्जुब हुआ, मटकों में पानी था

ये तो यीशु मसीह का, पहला चमत्कार था

यीशु के सेवा की, ये तो शुरूवात थी

सारे चेलों के लिए, ये अद्भुत बात थी

काना गाँव में तो, ये चर्चा फैल हो गई

यीशु प्रभु की वहाँ, महिमा ये हो गई -2

महिमा ये हो गई -3

वो रात थी बड़ी जलाली -2


सुन लिया पानी ने, यीशु की वाणी

नहीं की अपनी, खुद की मनमानी -2


मेरे प्यारे अज़ीज़ो, बहनों और भाइयो

आपने सुनी है दाखरस की कहानी

दिल से, मन से सुनलो मेरे यीशु की वाणी

यीशु चाहता है, हर दिन हरदम, हम वचन पढ़ें

यीशु चाहता है, हम प्रार्थना, स्तुति, आराधना में आगे बढ़ें

यीशु चाहता है, हम सारे लोगों को, सुसमाचार सुनाएं

यीशु चाहता है, हम पापों से श्रापों से, सारे लोगों को छुड़ाएं

यीशु चाहता है, हम बीमारों को, बिमारियों से चंगा करे

यीशु चाहता है, हम बेसहारों का सहारा बने

यीशु चाहता है, हम भूखों को खाना खिलाएं

यीशु चाहता है, हम थके मांदो की मदद करे

यीशु मसीह सबके जीवन में, बड़े-बड़े चमत्कार करेगा

और आशीष देगा

और सबको अनंत जीवन का वारिस बनाएगा

प्रभु आप सभी को आशीष दे…

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